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कब्ज का परमानेंट इलाज [कब्ज से सम्बंधित पूरी जानकारी]

कब्ज का परमानेंट इलाज 

कब्ज की समस्या से हर तीसरा व्यक्ति परेशान है और हर कोई कब्ज का परमानेंट इलाज जानना चाहता है कब्ज अगर लगातार रहे तो आगे चलकर  Piles, Fissure, Fistula जैसी  तकलीफदेह बीमारिया कर सकता है और जिससे दैनिक जीवन में भी समस्या होती है | 

कब्ज का परमानेंट इलाज [कब्ज से सम्बंधित पूरी जानकारी]

कब्ज का परमानेंट इलाज 

इस टॉपिक में हम जानेगे कब्ज का परमानेंट इलाज [कब्ज से सम्बंधित पूरी जानकारी]

आजकल की कब्ज , कब्ज नहीं है यह कब्जा हो चुकी है और कब्ज जितना पुराना हो उससे छुटकारा पाना उतना ही कठिन होता है कब्ज की समस्या पर समय रहते ध्यान दीजिये नहीं तो इससे बवासीर हो सकता है तो जानते है की कब्ज के इलाज क्या- क्या हो सकते है जिसमे आपको ज्यादा दवाई का सहारा न लेना पड़े |

कब्ज का परमानेंट इलाज तभी संभव है जब इन सभी बातो का आप नियमित रूप से पालन करेंगे तो आपको कब्ज नहीं होगी और अगर है और इससे होने वाली बीमारिया है तो भविष्या में इन बीमारियों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा |

कब्ज कितने प्रकार का होता है?

मुख्या रूप से कब्ज चार प्रकार का होता है 

प्राथमिक कब्ज 

प्राथमिक कब्ज एक सामान्य पाचन सामान्य है जिसमे मल त्यागने में कठिनाई एवं समय अनियमित हो जाता है जिसकी वजह पानी की कमी, ख़राब खान पान, बाहर का खाना ज्यादा दवाईयों का सेवन आदि हो सकता है |

सामान्य पारगमन कब्ज 

इसमें मरीज को कब्ज जैसा महसूस होता है लेकिन मल का गाढ़ापन सामान्य रहता है यह पाचनतंत्र से हो कर सामान्य गति से बहार निकलता है लेकिन मरीज को मल त्यागने में कठिनाई होती है इसमें पेट फूलना, पेट में दर्द, बेचैनी या कठोर मल जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है और साथ ही मरीज के स्वाभाव में चिड़चिड़ापन और आंतो से संभंधित विकार के लक्षण दिखाई दे सकते है |

धीमी गति से पारगमन कब्ज  

धीमी गति से होने वाली कब्ज बहुत दुर्लभ होता है जो खासतौर पर माध्यम वर्ग की महिलाओ में देखने को मिलता है इस प्रकार के कब्ज से पीड़ित को खाने के बाद आंतो की सामान्य उत्तेजना का अनुभव नहीं कर पाते जिसे क्रमाकुंचन ( पेरिस्टलसिस ) कहते है क्रमाकुंचन के कारण भोजन पाचनतंत्र में सामान्य से ज्यादा धीमी गति से आगे बढ़ता है और मल बहार निकलने में अधिक समय लगता है और मल आंतो बैठ जाता है जिसकी वजह से कही बार पेट ठीक से साफ नहीं होता |

आउटलेट कब्ज 

यह कब्ज तब होता है जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों या तंत्रिकाओं को क्षति पहुँचती है और मल त्यागने में कठिनाई होती है आउटलेट कब्ज के लक्षणों में दर्द के कारण मल त्यागने में देरी होती है मल त्याग के दौरान तनाव होता है डिससिनर्जिक डिफेकशन आउटलेट डिसक्शन का एक रूप है जिसमे मल त्याग करने का प्रयास करते समय एनोरेक्टल मांसपेशियों में अपर्याप्त विश्राम होता है कब्ज का परमानेंट इलाज करने के लिए इसके प्रकार को समझना जरुरी है |

कैसे पता चलेगा की मुझे कब्ज है?

24 घंटे में अगर ठीक से पेट साफ नहीं होता है या दौ-दौ  दिन तक पेट साफ नहीं होता है मल त्यागने कठिनाई आती है और अक्सर ऐसा होता है तो आपको कब्ज की समस्या है|

कब्ज होने का मुख्य कारण क्या है? 

कब्ज होने के कारण हो सकते है –

कब्ज के कारण होने वाले रोग या पेट साफ न होने से कौन सी बीमारी होती है |

पेट साफ नहीं होने की वजह से कही तरह की दिक्क्त का सामना करना पड़ता है जिस दिन पेट साफ नहीं होता है उस दिन शरीर भरी लगता है, सिर भरी लगता है , भूक नहीं लगती , कमजोरी महसूस होना , सिर दर्द होना , उल्टी जैसा महसूस होना , काम में मन न लगना और इसके अलावा कई गंभीर बीमारिया भी हो सकती है जैसे बवासीर , इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), अल्सर , पेट का कैंसर , Fissure ,Fistula, जैसी समस्या हो सकती है |

कब्ज के नुकसान 

जिस दिन ठीक से पेट साफ न हो या पेट साफ हो ही ना उस दिन बहुत कुछ महसूस या नुकसान झेलना पड़ता है जैसे –

कब्ज किसकी कमी से होता है 

फाइबर की कमी होने की वजह से कब्ज की दिक्क्त होती है ज्यादातर बिना फाइबर का भोजन लेने से पोषण की कमी होती है जिससे पाचन शक्ति कमजोर पड़ने लगती है और आये दिन मल त्यागने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और कब्ज कब्जा करने लगती है |

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाए यह घरेलु उपाय

गैस,कब्ज आदि के लिए बहुत सारे घरेलु उपचार अपनाये जाते है जो फायदेमंद साबित होते है –

  1. 500 ग्राम मेथीदाना पाउडर बना ले और 100 ग्राम नमक जैतून का पावडर बना कर दोनों का मिश्रण एक चम्मच खाने के पहले या बाद में ले सुबह – शाम इससे लम्बे समय की समस्या खत्म हो जाएगी |
  2. सुबह उठ कर गर्म पानी में नीबू डाल कर पीना यह बहुत ही आसान तरीका है रातभर की पेट में जमी गंदगी को बहार निकलने का |
  3. रात को एक चमच्च मेथीदाना पानी में गला कर सुबह उस पानी को पीना उस मेथीदाना को चबा के खाने से पाचन शक्ति मजबूत रहती है और मोटापा दूर रहता है |
  4. अजवाइन और जीरा दोनों को भून कर और काला नमक तीनो को सामान मात्रा में मिला कर खाना खाने बाद आधे चम्मच गुनगुने पानी के साथ रोजाना लेने से भी कब्जियत दूर रहती है |

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